नाम आज़ाद न्यायधीश को पहचान स्वतन्त्र बतलाया नाम आज़ाद न्यायधीश को पहचान स्वतन्त्र बतलाया
अब मैं उड़ चली हूँ, अपने एक नए लक्ष्य की ओर। अब मैं उड़ चली हूँ, अपने एक नए लक्ष्य की ओर।
इनमें ना होता कोई अधिकार ना ही कोई स्वाभिमान बस मन की गहराइयों से बनते है, इनमें ना होता कोई अधिकार ना ही कोई स्वाभिमान बस मन की गहराइयों से बनते ह...
कुछ न हो कर भी वो शख़्स, ज़िंदा रह गया इस मन में। कुछ न हो कर भी वो शख़्स, ज़िंदा रह गया इस मन में।
अब ना सीता को गुजरना होगा अग्नि से, ना ही किसी अन्य की अग्निपरीक्षा ली जाएगी। अब ना सीता को गुजरना होगा अग्नि से, ना ही किसी अन्य की अग्निपरीक्षा ली जाएगी।
वो चाहे जब पराया कर देता है क्या कोई पुरुष कभी ये कर पायेगा ? वो चाहे जब पराया कर देता है क्या कोई पुरुष कभी ये कर पायेगा ?